अंशुल पटले, डॉ. अजय कुमार घोष
यह शोध पत्र मध्य प्रदेश में सिनेमा दर्शकों के दृष्टिकोण का विश्लेषण करता है, जिसमें यह समझने की कोशिश की गई है कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक कारक किस प्रकार दर्शकों की सिनेमा प्राथमिकताओं को प्रभावित करते हैं। सिनेमा न केवल मनोरंजन का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक पहचान का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह अध्ययन विभिन्न प्रकार की फिल्मों—जैसे बॉलीवुड, क्षेत्रीय फिल्में और अंतर्राष्ट्रीय फिल्में—के प्रति दर्शकों की प्राथमिकताओं का विश्लेषण करता है, और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसके प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। इस शोध में दर्शकों की सामाजिक स्थिति, भौगोलिक स्थान और फिल्मों में दिखाए गए सामाजिक मुद्दों के आधार पर प्राथमिकताओं को समझने का प्रयास किया गया है। अध्ययन में सर्वेक्षण, साक्षात्कार और सोशल मीडिया विश्लेषण जैसी मिश्रित पद्धतियों का उपयोग किया गया है। परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि शहरी क्षेत्रों में बॉलीवुड की फिल्में अधिक पसंद की जाती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में क्षेत्रीय फिल्में ज्यादा लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, सिनेमा को केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक शिक्षा का एक प्रभावशाली माध्यम भी माना जाता है, जो महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और पर्यावरणीय मुद्दों जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह शोध मध्य प्रदेश में सिनेमा के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव को समझने में सहायक है और फिल्म निर्माताओं, प्रचारकों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रदान करता है।
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