आर्या
भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री एवं अभूतपूर्व विलक्षण व्यक्तित्व के धनी और सरलता व सादगी के मिसाल श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 ई० को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय के रामनगर (कूढकला) नामक गांव में हुआ था ।
स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून 1964 को श्री लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने । मौलिक रूप से, प्रधानमंत्री शास्त्री ने भारत के शासन और इसकी राजनीति तथा अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की पूरी तरह से नैतिक सिद्धांत के अनुसार कल्पना की और अपने उद्देश्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई करने की इच्छा और दृढ़ संकल्प को पूरा करने के लिए सरकारी प्रशासन, राजनीतिक संस्थाओं, वाणिज्य और उद्योग में नैतिकता, अखंडता तथा पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की योजना बनाने का काम किया ।
पाकिस्तान की लड़ाई के समय उनका 'जय जवान, जय किसान' का महाशंखनाद हुआ जो हमेशा हर भारतीय को याद रहेगा । 1962 की चीन की लड़ाई में पराजय ने जिस आत्म-सम्मान और गौरव को ठेस पहुँचाया था, वह पाकिस्तान की लड़ाई की विजय से वापस आ गया । वह युद्ध विजेता एवं शांति विजेता बनकर ताशकंद समझौता के लिए गए । उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में 11 जनवरी 1966 की रात्रि 1 बजकर 32 मिनट पर उन्हें खांसी आई और दिल का दौरा पड़ा जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई ।
भारत के यशस्वी व द्वितीय प्रधानमंत्री का जीवन सरलता और सादगी का मिसाल था । उनका बहुविध एवं बहुआयामी जीवन आडंबरों से दूर निष्कपट, निःस्वार्थ, त्याग, ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से परिपूर्ण था । वह कथनी, करनी और निष्काम कर्म में विश्वास करते थे । प्रचार-प्रसार से बहुत दूर रहते थे, यही कारण है कि उनके विषय में प्रचुर सामग्री नहीं मिलती । उनके विषय में जितनी ही खोज होगी उतनी ही व्यापक जानकारी मिलेगी । "समुद्र में मोती जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठ" की बात अक्षरशः उनके लिए चरितार्थ होगी ।
Pages: 528-534 | 75 Views 47 Downloads