सृष्टिराज सिंह चुंडावत, मनीषा
अजमेर ज़िला भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, जहाँ जल संसाधनों की स्थिति समय के साथ गंभीर संकट का रूप ले चुकी है। इस शोध में अजमेर ज़िले के विभिन्न जल स्रोतोंकृतालाब, कुएँ, नलकूप तथा भूजल की गुणवत्ता का गहन अध्ययन किया गया है। जल की भौतिक, रासायनिक और जैविक विशेषताओं का मूल्यांकन कर यह समझने का प्रयास किया गया है कि किस प्रकार प्राकृतिक कारणों तथा मानवीय गतिविधियों ने जल की शुद्धता और उपलब्धता दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि में अत्यधिक जल उपयोग, भूजल का अनियंत्रित दोहन तथा वर्षा की अनियमितता ने जल संसाधनों पर गहरा दबाव डाला है। परिणामस्वरूप, जल की गुणवत्ता में गिरावट स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है, जो न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है।
संरक्षण की दृष्टि से यह आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर वर्षा जल संचयन, परम्परागत जल प्रबंधन प्रणालियों का पुनर्जीवन, सामुदायिक सहभागिता, जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता, तथा सरकारी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। अजमेर ज़िले का यह अध्ययन व्यापक रूप से उन क्षेत्रों के लिए भी उपयोगी है, जहाँ भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ समान प्रकार की हैं। यह शोधपत्र जल गुणवत्ता और संरक्षण के क्षेत्र में भविष्य की नीतियों और योजनाओं के निर्माण हेतु मार्गदर्शन प्रदान करता है।
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