Contact: +91-9711224068
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal
International Journal of Arts, Humanities and Social Studies
Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 1, Part I (2025)

भारत में लोकतान्त्रिक मूल्य और मानवाधिकार

Author(s):

डॉ. कल्पना, डॉ. बादाम सिंह गंगवार, डॉ. नीलम उपाध्याय

Abstract:

अपनी सभ्यता और संस्कृति के विकासक्रम में मानव ने अपने समक्ष जिन प्रणालियों तथा मूल्यों की स्थापना की है, उनमें लोकतंत्र का स्थान निश्चय ही अतिविशिष्ट है। अपनी सम्पूर्ण विकास यात्रा के दौरान मानव के लिए उसने स्वयं की पहचान, गरिमा और आत्मसम्मान की खोज की है और लोकतंत्र इस प्रश्न का यथोचित उत्तर बनकर उपस्थित भी हुआ है। लोकतन्त्र न केवल एक प्रणाली, एक व्यवस्था के रूप में, बल्कि मूल्यों के रूप में भी यह मनुष्य के जीवन जीने की गरिमापूर्ण पद्धति है। भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद लोकतन्त्र को अपनाया गया लेकिन राजनीतिक पक्ष मात्र तक ही। फिर संविधान की प्रस्तावना, नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकारों व नीति निदेशक तत्वों के माध्यम से लोकतन्त्र के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया। लोकतान्त्रिक मूल्य व मानवाधिकार दोनों अवधारणायें एक दूसरे की पूरक है।

Pages: 645-648  |  47 Views  23 Downloads


International Journal of Arts, Humanities and Social Studies
How to cite this article:
डॉ. कल्पना, डॉ. बादाम सिंह गंगवार, डॉ. नीलम उपाध्याय. भारत में लोकतान्त्रिक मूल्य और मानवाधिकार. Int. J. Arts Humanit. Social Stud. 2025;7(1):645-648. DOI: 10.33545/26648652.2025.v7.i1i.244
Journals List Click Here Other Journals Other Journals