पूजा कुमारी
सर्व शिक्षा अभियान (SSA) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है। इस अभियान की शुरुआत 2001 में हुई थी और इसका प्रभाव शिक्षकों की भूमिका, कार्यशैली तथा पेशेवर विकास पर स्पष्ट रूप से देखा गया है। इस योजना के अंतर्गत शिक्षकों की संख्या में वृद्धि की गई, जिससे छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ। शिक्षकों को नियमित प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षण पद्धति में नवाचार लाने का अवसर मिला। इसके परिणामस्वरूप शिक्षकों की दक्षता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। साथ ही, बालकों की विविध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया। हालांकि, SSA ने शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्यभार भी बढ़ाया, जिससे कभी-कभी वे शिक्षण कार्य से विचलित हो जाते हैं। फिर भी, इस योजना ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। अतः यह कहा जा सकता है कि सर्व शिक्षा अभियान ने शिक्षकों के कार्य-परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन लाया है और उनके व्यावसायिक विकास को गति दी है।
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