प्रदीप सिंह डावर
भारत में कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है, और किसानों की आय में वृद्धि करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक रहा है। परंपरागत रूप से, किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए स्थानीय कृषि मंडियों और बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। इस समस्या को हल करने और कृषि व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2016 में ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (E-NAM) की शुरुआत की। E-NAM एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न राज्यों की कृषि उपज विपणन समितियों (APMCs) को एकीकृत करता है और किसानों को देशभर के व्यापारियों से सीधे जोड़ता है।
मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में E-NAM का प्रभाव उल्लेखनीय रहा है। इस शोध में मध्य प्रदेश के किसानों की आय में E-NAM द्वारा किए गए परिवर्तनों का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन में यह पाया गया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म ने न केवल किसानों को अपनी उपज के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य दिलाने में मदद की, बल्कि विपणन प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया। शोध के परिणाम बताते हैं कि E-NAM से जुड़े किसानों की आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, हालांकि अभी भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं, जिनका समाधान आवश्यक है ताकि इस पहल का पूरा लाभ किसानों तक पहुँच सके।
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