कृष्णपाल सिंह परिहार, डॉ रवि कुमार
प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य कुश्ती खिलाड़ियों की न्यूनतम स्नायु क्षमता में विकास करना एवं परिणाम स्वरुप उनके खेल प्रदर्शन में वृद्धि करना है। अध्ययन हेतु उज्जैन शहर से महाविद्यालय स्तर के 40 कुश्ती खिलाड़ियों का चयन दैव न्यादर्श पद्धति अनुसार किया गया जिनकी आयु 16 से 20 वर्ष के मध्य थी। 40 खिलाड़ियों को 20-20 के दो समूह में विभाजित किया गया। नियंत्रित समूह - जिसे किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। प्रयोगात्मक समूह - जिसे पद्धतियुक्त सूर्य नमस्कार दिया गया।
प्रयोगात्मक समूह तथा नियंत्रित समूह का पहले पूर्व प्रशिक्षण क्रशवेबर टेस्ट द्वारा किया गया। इसके पश्चात चार सप्ताह तक प्रयोगात्मक समूह को सूर्य नमस्कार का प्रशिक्षण दिया गया, चार सप्ताह की प्रशिक्षण कालावधी के पश्चात प्राप्त आंकड़ों का परीक्षण श्जश् टेस्ट द्वारा किया। प्राप्त गणनात्मक मूल्य की तुलना तालिका मूल्य 0.05 स्तर पर की गई। अध्ययन की परी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए यह निष्कर्ष निकला कि सूर्य नमस्कार से कुश्ती खिलाड़ियों की न्यूनतम स्नायु क्षमता में विकास होता है तथा परिणाम स्वरुप उनके खेल प्रदर्शन में भी विकास की पूर्ण संभावना है।
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