डॉ राकेश माथुर, रवि प्रकाश जोशी
भारतीय कृषि प्रणाली में किसानों के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। विशेष रूप से लघु और सीमांत किसान अक्सर अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए साहूकारों और गैर-संस्थागत ऋणदाताओं पर निर्भर रहते हैं, जिससे वे ऊँची ब्याज दरों के बोझ तले दब जाते हैं। इस समस्या के समाधान हेतु भारत सरकार ने 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना था। इस शोधपत्र में उज्जैन जिले में जिला सहकारी बैंक द्वारा वितरित किसान क्रेडिट कार्ड के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन इस बात का विश्लेषण करता है कि किस प्रकार यह योजना किसानों की आय, उनकी ऋण चुकाने की क्षमता, और कृषि उत्पादन क्षमता को प्रभावित करती है। शोध के निष्कर्ष यह दर्शाते हैं कि KCC योजना ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वे अधिक आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्थिर हो सके हैं।
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