Red Paper
Contact: +91-9711224068
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal
International Journal of Arts, Humanities and Social Studies
Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 1, Part B (2025)

राजस्थान में संस्थापन कला और कला समीक्षक: एक अध्ययन

Author(s):

राजेंद्र प्रसाद मीना

Abstract:

प्रस्तुत शोधपत्र में राजस्थान में संस्थापन कला के विकास की शुरुआत, इसके प्रारंभिक स्वरूप और प्रमुख कलाकारों पर चर्चा की गई है। राजस्थान में पारंपरिक कला और स्थापत्य की परंपराओं जैसे मीनाकारी, ब्लू पॉटरी, और राजस्थानी चित्रकला से प्रेरित होकर, आधुनिक कलाकारों ने संस्थापन कला को एक नया रूप दिया है। जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों में आयोजित कला महोत्सवों ने इस नवीन कला धारा के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, कला समीक्षकों द्वारा इंस्टॉलेशन आर्ट के बारे में किए गए विश्लेषण पर भी जोर दिया गया है। राजस्थान में सुभाष कुमावत, मंजुला वर्मा, और अंजलि शर्मा जैसे प्रमुख कला समीक्षकों के दृष्टिकोण ने संस्थापन कला को एक गंभीर और विचारशील कला रूप के रूप में प्रस्तुत किया है। शोधपत्र में यह भी चर्चा की गई है कि कैसे कला समीक्षकों ने इस कला रूप के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संदर्भों को समझते हुए इसे व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने का कार्य किया है। राजस्थान में संस्थापन कला की प्रमुख विशेषताओं में उसके स्थान-विशिष्ट रूप, पारंपरिक और आधुनिक सामग्री का सम्मिलन, और दर्शक सहभागिता को प्रमुखता दी गई है। इसके साथ ही, यह शोधपत्र विभिन्न कला महोत्सवों, जैसे जयपुर आर्ट समिट और डेजर्ट आर्ट प्रोजेक्ट, के माध्यम से संस्थापन कला की व्यापकता और उसके सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आधारित प्रस्तुति पर विचार करता है। अंत में, यह शोधपत्र राजस्थान में संस्थापन कला की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है। यह भी रेखांकित करता है कि कैसे यह कला रूप सामाजिक संवाद, पर्यावरणीय चेतना और सांस्कृतिक पहचान के संदर्भ में एक प्रभावी माध्यम बन सकता है।

Pages: 111-120  |  745 Views  142 Downloads


International Journal of Arts, Humanities and Social Studies
How to cite this article:
राजेंद्र प्रसाद मीना. राजस्थान में संस्थापन कला और कला समीक्षक: एक अध्ययन. Int. J. Arts Humanit. Social Stud. 2025;7(1):111-120. DOI: 10.33545/26648652.2025.v7.i1b.170
Journals List Click Here Other Journals Other Journals