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International Journal of Arts, Humanities and Social Studies

Vol. 7, Issue 1, Part A (2025)

पर्यावरण अवनयन एवं पारिस्थितिकी समस्याएं

Author(s):

सुमित्रा गुप्ता

Abstract:

पर्यावरण और पारिस्थितिकी की कार्य प्रणाली प्रकृति की स्वनियमन व्यवस्था द्वारा संचालित होती है। पर्यावरण के तत्व पारिस्थितिकी का नियन्त्रण कर जीवन विकास के लिए आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण करते हैं। यह व्यवस्था तब तक पलती रहती है जब तक पर्यावरण में संतुलन बना रहता है, लेकिन जब प्राकृतिक या मानवीय कारणों से पर्यावरण के किसी तत्व को क्षति पहुंचती है तो पहले वह स्वनियामक व्यवस्था के अन्तर्गत संतुलित होने का प्रयास करती है। लेकिन जब उसकी सहन सीमा से अधिक आघात होता है तो उसका संतुलन बिगड़ने लगता है। पर्यावरण के अवनयन से विकास की सारी प्रक्रिया उल्टी दिशा में मुड़ने लगती है जो अवनति का मार्ग प्रशस्त करती है। ध्यातव्य है कि प्रकृति का लक्ष्य विकास है, विनाश नहीं।

Pages: 39-42  |  93 Views  50 Downloads


International Journal of Arts, Humanities and Social Studies
How to cite this article:
सुमित्रा गुप्ता. पर्यावरण अवनयन एवं पारिस्थितिकी समस्याएं. Int. J. Arts Humanit. Social Stud. 2025;7(1):39-42. DOI: 10.33545/26648652.2025.v7.i1a.152
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