Dr. Vinay Kumari Jain and Dr. Anju
प्रस्तुत पत्र महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को समझाते हुए महिला मुक्ति का समर्थन करते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करता है सशक्तिकरण सभी शक्तियों का पुनः अभिमुखीकरण है, महिला सशक्तिकरण भौतिक या आध्यात्मिक शारीरिक या मानसिक सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हे सशक्त बनाने की प्रक्रिया है | प्रस्तुत पत्र में नारी को सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रयासों का वर्णन है जिसमें अंतरराष्ट्रीय संधियों सम्मेलनों व घोषणाओं के माध्यम से नारी को बराबरी के अधिकार देने का वर्णन है| पश्चात देशो में नारी मुक्ति की अवधारणा हमारे यहां भी जोर पकड़ रही है और नारी जागृत हो अपने अस्तित्व व अपने अधिकारों के प्रति सचेत हो रही है महिला सशक्तिकरण कि भारत में आवश्यकता का पुरजोर समर्थन किया गया है महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों दुर्व्यवहारों के बारे में विस्तृत वर्णन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के माध्यम से समझाया गया है महिलाओं के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार, बाल विवाह, बाल शोषण, दहेज हत्या ,कन्या भ्रूण हत्या का यौन शोषण आदि की बहुत लंबी सूची है | जिनके समाधान के लिए सरकार को मजबूत कदम उठाने चाहिए और ऐसे कानून बने जिसमे अपराधी को बड़ी से बड़ी सजा का प्रावधान हो जिससे आमजन अपराध करने से डरे और महिलाएं सुरक्षित रह सके| साथ ही प्रस्तुत पत्र में महिलाओं को प्राप्त संवैधानिक अधिकार और नीति निर्देशक तत्वो में महिला अधिकारों को सामाजिक, आर्थिक एवं कानूनी रूप से अधिकार संपन्न करने की बात करता है | भारतीय संसद में समय-समय पर अधिनियम पास करके महिलाओं के हित में बने हुए कानूनो का वर्णन किया गया है| जिससे स्वतंत्रता से लेकर अब तक पारित किए गए सभी प्रमुख कानूनो के बारे में बताया गया है जिनमें महिलाओं के व्यापक अधिकारों का वर्णन के साथ महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के लिए कठोर दंड का निर्धारण किया गया है की किस प्रकार कानून ने महिलाओं को विभिन्न प्रकार के उन्नायक सुरक्षात्मक भरण पोषण, कामकाजी महिलाओं के अधिकार, स्वस्थ वातावरण आदि व्यवस्थाएं की हैं फिर भी महिलाओं के खिलाफ अपराध निरंतर बढ़ रहे हैं और सही परिणाम अभी तक नहीं मिल पा रहे है की विस्तृत चर्चा प्रस्तुत शोध पत्र में की गई शोधपत्र के अंतर्गत वर्तमान में संसद के द्वारा पारित कानून के बारे में व्यापक रूप से समझाया गया है जिन के प्रति सभी महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है जैसे घरेलू हिंसा कानून और लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा ,कार्य स्थल पर महिलाओं की यौन शोषण अधिनियम और मी टू आंदोलन, प्रिवेंशन ऑफ़ सेक्सुअल हैरेसमेंट कानून ,तीन तलाक अधिनियम, महिला आरक्षण बिल आदि को विस्तृत रूप से सभी प्रावधानों के साथ बताया गया है इसके अलावा प्रस्तुत पत्र में भारत सरकार द्वारा समय-समय पर चलाई गई महिला कल्याण योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है , अंत में निष्कर्ष के साथ यह बात रखी गई है सभी कानूनी प्रावधानों के बावजूद महिलाएं स्वयं शिक्षित होकर अपने अधिकारों के लिए जागरूक होकर ही अपने अस्तित्व को बचा सकती हैं अन्यथा नहीं|
Pages: 154-163 | 100 Views 29 Downloads