Dr. Shatrujeet Singh
यह ऐतिहासिक अध्ययन झुंझुनू पर कायमखानी राजवंश के शासन की जांच करता है, जो वर्तमान में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा है, जो विक्रम संवत 1503 (1446 ई.) से लेकर विक्रम संवत 1787 (1730 ई.) तक फैली समयरेखा पर केंद्रित है। शोध का प्राथमिक उद्देश्य झुंझुनू में कायमखानी शासकों के राजनीतिक कालक्रम, प्रशासनिक योगदान, आंतरिक विवादों और अंतिम पतन का पता लगाना है। ऐतिहासिक इतिहास, शिलालेख, वंशावली रिकॉर्ड और खय्याम खान रासा और तवारीख-ए-राजपूत कायमखानी जैसे साहित्यिक कार्यों का उपयोग करते हुए, यह गुणात्मक अध्ययन शासकों के अनुक्रम और उनके संबंधित प्रभावों को फिर से बनाने के लिए वर्णनात्मक-ऐतिहासिक पद्धति का उपयोग करता है।
मुहम्मद खान से शुरू होकर, जिन्होंने झुंझुनू पर कायमखानी नियंत्रण स्थापित किया, राजवंश ने शम्स खान, फतेह खान, मुबारक शाह, कमाल खान और अन्य सहित विभिन्न उत्तराधिकारियों को देखा, जिनमें से प्रत्येक ने कस्बों, टैंकों और किलों जैसे बुनियादी ढांचे के माध्यम से क्षेत्र के विकास में योगदान दिया। आंतरिक शक्ति संघर्ष और बाहरी शक्तियों, जैसे लोदी सल्तनत और बीकानेर और जोधपुर राज्यों के साथ गठबंधनों ने राजवंशीय परिवर्तनों को गहराई से प्रभावित किया। विशेष रूप से, शम्स खान द्वितीय जैसे शासकों ने मुगल आधिपत्य स्वीकार कर लिया और अकबर के प्रशासन में मनसबदार के रूप में शामिल हो गए। फाजिल खान और उनके बेटे रूहला खान के कार्यकाल के दौरान राजवंश का कमजोर होना स्पष्ट हो गया, जिनकी प्रशासनिक अक्षमता और आंतरिक गुटबाजी ने शार्दुल सिंह शेखावत के उत्थान का द्वार खोल दिया।
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