चिंद्र दास
वीर सावरकर ने भारत में हिंदू राष्ट्र का सपना संजोया था । वह प्रथम स्वतंत्रता सेनानी था जिसने भारत को स्वतंत्र करवाने के लिए क्रांतिकारी संगठनों का सहारा लिया व भारत की आज़ादी की नींव रखी । इन्होंने भारत राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता पर बल दिया और इसे स्वीकार भी किया था | सावरकर आरत राष्ट्र पुनरूत्थान और सांस्कृतिक श्रेष्ठता के भक्त थे और इसमें विश्वास रखते थे | इन्होंने भारतीय को संगठित करने और उनमें राष्ट्रवाद की भावना भरने का अथक प्रयास किया, जिसके लिए उन्हें अपना यौवन तक जेल में व्यतीत करना पड़ा और जो यातनाएं उन्होंने जेल मैं सहन की, उन्हें शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता । उनका दर्शन "संगठन" में शक्ति का था जिसका प्रचार उन्होंने आम जनमानस में करने का प्रयास किया | भारत का सांस्कृतिक, राजनैतिक व आध्यात्मिक विकास तभी संभव है जब हमें संपूर्ण भौगोलिक प्रांत के प्रति स्नेह व अनुराग होना चाहिए ।
Pages: 6-10 | 1341 Views 517 Downloads