डाॅ॰ जसवीर त्यागी
परिस्थितियों और बदलते संदर्भों का प्रभाव साहित्यकार और उसके माध्यम से विविध विधाओं पर पड़ता है। एक समय पत्र संवाद का मुख्य माध्यम होता था। लेकिन बदलते युग के कारण मौजूदा समय में पत्र-लेखन काफ़ी कम हो गया है। नयी तकनीक ने चिट्ठियों को पछाड़ छोड़ दिया है। वर्तमान पीढ़ी अमूमन दूरभाष, इंटरनेट, विडियो कांफ्रेंस, मैसेज, ईमेल आदि का उपयोग करना पसंद करती है। इन सभी संदर्भों को देखते हुए सवाल उठता है कि वर्तमान समय में पत्र की क्या सार्थकता और प्रासंगिकता है? पत्र का साहित्य की अन्य विधाओं से क्या संबंध है? इन सभी सवालों पर विचार करना प्रस्तुत शोध आलेख के विवेचन का आधार है।
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